देखिए तो सियासत हो रही है ।
बस जंग की रवायत हाे रही है ।
मुफ़लिसों का न कोई फ़िक्रमंद;
क़ियामत पे क़ियामत हो रही है ।
इश्क़ में मेरी दीवानगी है यारों;
मुहब्बत की इबादत हो रही है ।
पाँव सम्हल के रखती उल्फ़त;
क्या ख़ूब नज़ाकत हो रही है ।
उसकी मस्तानी चाल देखकर;
मेरे दिल में हरारत हो रही है ।
मेरी हमसफ़र की छुप छुपके;
शबो-रोज़ शरारत हो रही है ।
अंदाज़ प्यार का बदला 'राज़';
उसकी बड़ी इनायत हो रही है ।
******निगम'राज़'