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Feb 9, 2018

हो रही है ......



देखिए तो सियासत हो रही है ।
बस जंग की रवायत हाे रही है ।

मुफ़लिसों का न कोई फ़िक्रमंद;
क़ियामत पे क़ियामत हो रही है ।

इश्क़ में मेरी दीवानगी है यारों;
मुहब्बत की इबादत हो रही है ।

पाँव सम्हल के रखती उल्फ़त;
क्या ख़ूब नज़ाकत हो रही है ।

उसकी मस्तानी चाल देखकर;
मेरे दिल में हरारत हो रही है ।

मेरी हमसफ़र की छुप छुपके;
शबो-रोज़ शरारत हो रही है ।

अंदाज़ प्यार का बदला 'राज़';
उसकी बड़ी इनायत हो रही है ।

******निगम'राज़'

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