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Dec 29, 2009

कता

दिल में रहे पोशीदा बस प्यार की जवानी.
ग़ज़लों में झलके सदा दिलदार की जवानी.
न रुके कभी जो चल निकली, वो कलम;
बरकरार रहे बस मेरे अशआर की जवानी।

1 comment:

  1. keep on posting all your good work! it will enrich all and sundry.

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