दिल वस्तुतः संसार में सबसे अच्छी किताब है ।
हम यदि अच्छे होवेंगे, तो कोई नहीं ख़राब है । ।
जलन, ईर्ष्या, द्वेष - भावना देती है अपार कष्ट ,
ह्रदय कोष्ठ में बंद रखें, ये उमड़ती हुई चिनाब है ।
रूप-रंग, शरीर- सौष्ठव, यदि सुंदर न हो तो क्या,
नेक दिली ही इन्सान का सर्वोत्तम शबाब है।
निर्व्यस्नित इंसानियत लावें अपने व्यव्हार में,
प्रशस्ति, मान, प्रसिद्धि-प्राप्ति का अच्छा यही हिसाब है।
सुकर्म, शीलता, सौम्यपन, ये मानवता के गहने हैं ,
ओढ़ सको तो ओढ़ लो यारों, अच्छी यही नक़ाब है।
इस 'राज़' की तारीफ़ में लिखे क्या कलम उसकी ,
जो साथ रहे वो ही समझे, क्या राजीव 'राज़' जनाब है ॥
रुको !!
8 years ago